चाहता है मन जीने को
सोचता है खुश पाने को
लेकिन
तत्य तथा सत्य है
जीना मुश्किल है
जीवन तो संघर्षमय है
झूठे जीवन जीना है
हाँ यह तो सत्य है
जरा देखिये
रोना पडता है मगर
विपरित हँसना है
अपनी व्यथा को
मन में रखकर
साफ नजर पेश आना पड़ता है
यह सब मुश्किल है न
अतः मरना आसान है
कहते है कायर लोग
वीर डटकर लडते
यही हैं फरक
- के .रविशंकर
superb guruji!!! really nyc!!!
ReplyDeleteThe meaning has a great depth... Sir
ReplyDeleteAur satya yahee hai.
a good 1 guruji
ReplyDeleteGuruji... aapkee kavitaa atee utam hai...
ReplyDeletea nice poem guruji
ReplyDeleteye bahuth aachi he guruji ye poem ka meaning bahuth aachi aarth he guruji!!!!!!!
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