Tuesday, November 2, 2010

जीवन का रहस्य 
अज्ञान को दूर करो
ज्ञान ज्योति फैलाओ
द्वेष ,ईर्ष्या आदि दुर्गुणों को छोड़ दो 
उदार,दया आदि को सदगुणों अपना लो 
स्वार्थ , अभिमान आदि अवगुणों को छोड़ दो 
हितैषी,विनय आदि सदगुणों को ग्रहण कर लो 
यही है जीवन का रहस्य जान लो 
रहेंगे शांति से 
जीवन को ले चलेंगे उन्नति मार्ग से 
मान लो या ठुकरा दो 
        - के . रविशंकर 

2 comments:

  1. Sir ji... hum sabhee ko yeh maan lenaa chaiyae ki jevan ka rehasay sirf aur sirf gyan ki jyoti hi hai

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  2. hum manne ki poori koshish karenge, guruji!!!

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